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ट्रांसफॉर्मीनग वर्क
इंटू मेडिटेशन
(दैनिक कार्यों का ध्यान मे रूपांतरण)
स्वामी अंतर राही
किशोरावस्था से ही ओशो के शिष्य रहे स्वामी राही को ओशो द्वारा सिखाई गई समग्रता में जीना पसंद है। वह जीवन को सबसे बड़ा शिक्षक मानते हैं यदि कोई व्यक्ति हर पल इसके प्रति खुला और ग्रहणशील रहे।
उन्हें कम्यून के ध्यानपूर्ण माहौल रहेना पसंद है और उन्हें सन 2000 से ओशो कम्यून्स में रहने का सौभाग्य मिला है, और उन्होंने अपना जीवन ओशो के काम के लिए समर्पित कर दिया है। उनके लिए संन्यास का मतलब भावुक रचनात्मकता है।
स्वामी अंतर राही
शिविर संचालक:
» ट्रांसफॉर्मीनग वर्क इंटू मेडिटेशन
» फोटोग्राफी मेडिटेशन रिट्रीट
किशोरावस्था से ही ओशो के शिष्य रहे स्वामी राही को ओशो द्वारा सिखाई गई समग्रता में जीना पसंद है। वह जीवन को सबसे बड़ा शिक्षक मानते हैं यदि कोई व्यक्ति हर पल इसके प्रति खुला और ग्रहणशील रहे।
उन्हें कम्यून के ध्यानपूर्ण माहौल रहेना पसंद है और उन्हें सन 2000 से ओशो कम्यून्स में रहने का सौभाग्य मिला है, और उन्होंने अपना जीवन ओशो के काम के लिए समर्पित कर दिया है। उनके लिए संन्यास का मतलब भावुक रचनात्मकता है। उन्हें फोटोग्राफी बेहद पसंद है. वह वेब डिजाइनिंग और डेवलपमेंट, डॉक्यूमेंट्री फिल्म निर्माण, एडवेंचरर, ट्रैकिंग फैसिलिटेटर और डीजे में भी हैं। उन्होंने सब कुछ खुद से सीखा, किसी संस्थान या स्कूल से नहीं, क्योंकि उनका मानना है कि स्कूलों में कोई केवल तकनीकी चीजें ही सीख सकता है, मगर व्यावहारिकता नहीं। उनका मानना है की हमें सिर्फ दायरे से बाहर ही नहीं सोचना है, बल्कि उसे तोड़ना भी है।
ओशो कम्यून्स और नियमित जीवन में कार्य ध्यान का 20 से अधिक वर्षों का अनुभव है। हमारे दैनिक जीवन के काम का अर्थ महत्वाकांक्षा, तनाव और प्रतिस्पर्धा है। जबकि ध्यान से वही काम खेल और विश्राम में बदल जा सकता है। स्वयं के विकास के प्रति ईमानदारी और जिम्मेदारी के साथ ध्यान को अपने दैनिक जीवन का हिस्सा बनाने से काम और ध्यान के बीच संतुलन बनाना आसान हो जाता है।
इस कार्यक्रम के बारे में
ओशो कम्यून्स में काम करने के अपने दस वर्षों के अनुभव से (और बीस वर्षों से अधिक समय से कार्य-ध्यान का अभ्यास करते हुए) मैंने सीखा है कि काम को पूजा में कैसे बदला जाए। हमारे दैनिक जीवन के काम का अर्थ महत्वाकांक्षा, तनाव, प्रतिस्पर्धा है। जबकि ध्यान से वही काम खेल और विश्राम में बदल जाता है। स्वयं के विकास के प्रति ईमानदारी और जिम्मेदारी के साथ और ध्यान को अपने दैनिक जीवन का हिस्सा बनाकर, काम और ध्यान के बीच संतुलन बनाना आसान है।
इस शिविर में, हम ओशो के ध्यान प्रयोग करेंगे एवं उन ध्यान प्रयोगो की गुणवत्ता ओशो निसर्ग के प्राकृतिक वातावरण में कुछ कार्यों में लाके उसका अभ्यास करेंगे। जैसा कि ओशो कहते हैं, ध्यान को एक गंभीर मामला नहीं होना चाहिए, यह आनंदपूर्ण हो सकता है, जो की अनंत रचनात्मकता को उजागर करता है।
ओशो कहते हैं:
"आप जो कुछ भी करते हैं, यदि आप इसे खुशी से करते हैं, यदि आप इसे प्रेमपूर्वक करते हैं, यदि आपका काम सिर्फ धन कमाने के लिए नहीं करते, तो यह रचनात्मकता है। यदि आपके भीतर से कुछ विकसित हो रहा है, यदि यह आपको विकास देता है, तो यह आध्यात्मिक है, यह रचनात्मक है, यह दिव्य है।”
ओशो कहते हैं:
"कार्य आपके परिवर्तन का एक आवश्यक हिस्सा है। ध्यान समूह (शिविर) आपके दिमाग को साफ करते हैं लेकिन काम के बिना दिमाग फिर से कूड़ा इकट्ठा कर लेगा। ध्यान आपको मन से परे ले जाता है, लेकिन यह शरीर-मन से जड़ें काटना शुरू कर देता है, और मैं चाहता हूं कि आपका व्यक्तित्व एक सम्पूर्ण एवं इन दोनों का जोड़ हो। मनो-चिकित्सक सदियों से दिमाग में डाले गए कचरे को साफ करते हैं, और कार्य शरीर को जमीन से जुड़ा रखता है, और तभी ध्यान ऊंचे आकाश में पेड़ के फूलों की तरह विकसित हो सकता है।
लोगों को काम के बारे में, खासकर पश्चिमी दिमाग में मौजूद रवैये को बदलने की जरूरत है। ध्यान कार्य का हिस्सा होना चाहिए, उससे अलग नहीं।
कार्य और विश्राम विरोधाभासी नहीं हैं। वास्तव में, जितना अधिक आप अपने आप को काम में लगाएंगे उतना ही गहराई तक आप विश्राम में जा सकते हैं। इसलिए दोनों महत्वपूर्ण हैं। आप जितनी अधिक मेहनत करेंगे उतना ही गहराई से आराम पा सकेंगे। काम मूल्यवान है, यह विनम्रता और मौन लाएगा। लोगों को यह महसूस करना चाहिए कि उनका काम बहुत खास है, और वे जो भी काम करते हैं वह सम्मानजनक है।"
ओशो कहते हैं
ध्यान कार्य का हिस्सा होना चाहिए, उससे अलग नहीं।
इस शिविर की झलकियां
हाइलाइट
यदि आप कई वर्षों से ध्यान कर रहे हैं
<p>और जीवन में कोई बदलाव नहीं दिख रहा है, तो जाने की किस चीज़ की कमी है!</p>
आपके पास ध्यान के लिए समय नहीं है
क्योंकि आप हमेशा व्यस्त रहते हैं तो काम को ध्यान में बदलने की कला सीखें।
इस ध्यान शिविर में आप सीखें
दैनिक जीवन को ध्यान में बदलना
दुविधा की बजाय समग्रता में जीना
खुली आँखों से ध्यान कैसे संभव!
इस कार्यक्रम के अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
नहीं, यह हिमालय में स्थित खूबसूरत ओशो निसर्ग में एक आवासीय 4 दिवसीय कार्यक्रम है। ओशो निसर्ग में आप हिमालय के पहाड़ एवं एक बहती नदी के शांत पूर्ण महोल में इस ध्यान शिविर का भरपूर आनंद ले सकते है।
हिमालय में ओशो ध्यान केंद्र
ओशो के दृष्टिकोण के अनुरूप, उनकी निजी सचिव मा योग नीलम द्वारा निर्मित, निसर्ग एक पवित्र बुद्धा-फील्ड (प्रबुद्ध क्षेत्र) है, जो ध्यान और शांति के लिए एक आदर्श ओशो केंद्र है।
यहाँ पूरे साल अनुभवी चिकित्सकों और संचालकों द्वारा संचालित विवध ध्यान कार्यक्रम होते है। स्वादिष्ट और ज्यादातर ऑर्गैनिक भोजन यहाँ परोसा जाता है। अंतरराष्ट्रीय स्तर के स्वच्छ और सौंदर्यपूर्ण आवास और ज़ेन शैली का परिसर एवं रमणीय हिमालय और पर्वतों से बहती नदी का कलरव के दृश्य के साथ आप यहाँ ध्यानपूर्ण महोल में अपना दिन व्यतितक करते है। निसर्ग प्रकृति की गोद में एक शांत स्थान है, और यहाँ दुनिया भर से साधक ध्यान एवं अंतर यात्रा के लिए एक साथ ध्यान करते हैं।
आपके प्रश्न
जरूरी प्रश्न
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कार्यक्रम से संबंधित प्रश्न
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कैसे पहुंचें
ओशो निसर्ग
अधिकांश लोग दिल्ली से यात्रा करते हैं, यह प्रमुख राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय केंद्र है। दिल्ली से ओशो निसर्ग की सड़क मार्ग से दूरी 525 से 580 किलोमीटर बीच है।
बस:
दिल्ली से धर्मशाला के लिए हिमाचल पर्यटन विकास निगम (एचटीडीसी) द्वारा रात्रिकालीन सरकारी बसें हैं, साथ ही बेदी ट्रैवल्स आदि द्वारा कई निजी वोल्वो बसें भी हैं। ऑनलाइन बुकिंग के लिए कृपया देखें: https://online.hrtchp.com
धर्मशाला तक बस से आते समय, ओशो निसर्ग तक आसानी से पहुंच के लिए चेतरू (धर्मशाला से 6 किमी) उतरना सुविधाजनक है। वहां से हम तक पहुंचने के लिए टैक्सी या दूसरी बस पकड़ें। वैकल्पिक रूप से आप गग्गल में भी उतर सकते हैं और टैक्सी ऑर्डर कर सकते हैं।
ट्रेन:
निकटतम रेलवे स्टेशन पठानकोट में है। नई दिल्ली और पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशनों से पठानकोट के साथ-साथ पठानकोट कैंट तक दैनिक दिन और रात की ट्रेनें चलती हैं। वंदे भारत एक्सप्रेस, (नई दिल्ली से अंब अंदौरा, ऊना) एक अन्य नियमित ट्रेन सेवा विकल्प है।
पठानकोट, पठानकोट कैंट या ऊना पहुंचने के बाद, आप या तो अपने लिए टैक्सी ऑर्डर कर सकते हैं, जिसमें लगभग 2-3 घंटे का यात्रा समय लगता है, या धर्मशाला के लिए बस पकड़ सकते हैं।
विमान:
निकटतम हवाई अड्डा गग्गल (ओशो निसर्ग से 7 किलोमीटर) में है। एलायंस एयर, स्पाइस जेट और इंडिगो दिल्ली और धर्मशाला के बीच उड़ानें प्रदान करते हैं।
टैक्सी:
ओशो निसर्ग के लिए पहले से टैक्सी बुक करने के लिए, श्री प्रवीण को 9418142830 पर कॉल करें।
ईमेल:
yes@oshonisarga.com
संपर्क :
+919418037370
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